हमें बहुपक्षवाद में नयी जान फूंकनी होगी : विश्व सतत विकास शिखर सम्मेलन (डब्लूएसडीएस) 2022 में संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें सत्र के अध्यक्ष और मालदीव के विदेश मंत्री श्री अब्दुल्ला शाहिद

February 18, 2022
Valedictory

नई दिल्ली, फरवरी 18, 2022: शुक्रवार को नई दिल्ली में विश्व सतत विकास शिखर सम्मेलन (डब्लूएसडीएस) 2022 में बहुपक्षवाद की ज़ोरदार वकालत करते हुए संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें सत्र के अध्यक्ष और मालदीव के विदेश मंत्री श्री अब्दुल्ला शाहिद ने कहा कि अलगाववाद का युग बहुत पहले समाप्त हो चुका है।

"अगर हम अपने आसपास की दुनिया को नज़रअंदाज़ करते हैं, अगर हम एक क्षेत्र या मुद्दे को दूसरों पर प्राथमिकता देते हैं, या अगर हम हाशिये पर पड़े और कमज़ोर समुदायों की उपेक्षा करते हैं, तो हम सफल नहीं होंगे। हमें बहुपक्षवाद में नयी जान फूंकनी चाहिए और इसे ऐसा आकार देना चाहिए कि उससे सबको लाभ हो,” दि एनर्जी एंड रिसोर्सेज़ इंस्टिट्यूट (टेरी) के वार्षिक शिखर सम्‍मेलन के समापन सत्र में श्री शाहिद ने ‘सतत और समतामूलक भविष्य सुनिश्चित करने के लिए सामूहिक कार्रवाई’ की बात की।

श्री शाहिद ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से "एसआईडीएस, एलडीसी और एलएलडीसी जैसे आर्थिक रूप से कमज़ोर देशों को ऋण राहत प्रदान करने के लिए पहल का समर्थन करने; उनके आर्थिक कल्याण के लिए महत्वपूर्ण उद्योगों, जैसे पर्यटन, की मदद करने; विकास सहयोग तथा सहायता के लिए वैश्विक व्यवस्था को मज़बूत करने" का आह्वान किया।

श्री शाहिद ने कहा कि सीओपी 26 उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा, लेकिन सतर्कता के साथ उम्मीद बनाए रखी जा सकती है। उन्होंने कहा कि “जलवायु परिवर्तन के ख़तरनाक स्तरों से बचने के लिए आने वाले दशक में उत्सर्जन में तेज़ी से कमी के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को बढ़ाने के लिए अधिक राजनीतिक इच्छाशक्ति और सहयोग की आवश्यकता होगी।"

डब्‍ल्‍यूएसडीएस में सतत विकास और जलवायु कार्रवाई से संबंधित मुद्दों पर हर तरह के हितधारकों के साथ लगातार जुड़ने के लक्ष्य वाली ऐक्‍टफ़ॉरअर्थ पहल की शुरुआत हुई और इसके दो घटक होंगे : सीओपी कम्‍पस और एसडीजी चार्टर। टेरी की एसोसिएट फेलो सुश्री अनुराधा माथुर ने कहा, "सीओपी कम्पस जलवायु वार्ता और कार्रवाई के साथ-साथ वैश्विक सरोकारों पर शोध में लगी रहेगी।" एसडीजी चार्टर सतत विकास, समावेशी ऊर्जा परिवर्तन और एसडीजी को नीतिगत सूचनाओं और नीतिगत संवादों के साथ-साथ प्रबंधन विकास कार्यक्रमों के माध्यम से मुख्यधारा में लाने के क्षेत्रों पर काम करेगा।

सत्र के दौरान इस पहल से जुड़े दो दस्तावेज़ - ऐक्‍टफ़ॉरअर्थ स्‍ट्रैटेजी पेपर और ऐक्‍टफ़ॉरअर्थ मैनिफेस्‍टो जारी किये गये। ऐक्‍टफ़ॉरअर्थ स्‍ट्रैटेजी पेपर का उद्देश्य ज्ञान, संवाद और क्षमता निर्माण के माध्यम से जलवायु परिवर्तन और सतत विकास पर महत्वाकांक्षी और तत्काल कार्रवाई करना है। ऐक्‍टफ़ॉरअर्थ मैनिफेस्‍टो पृथ्वी को स्वस्थ रखने के लिए नौ सूत्री दिशानिर्देश है। टेरी की शोध सहयोगी सुश्री निवेदिता चोलायिल ने कहा, "ऐक्‍टफ़ॉरअर्थ मैनिफेस्‍टो को डब्ल्यूएसडीएस में हुई चर्चाओं से जानकारी प्राप्त होती है।"

सत्र की अध्यक्षता करते हुए, टेरी के चेयरमैन और गवर्निंग काउंसिल के सदस्य श्री नितिन देसाई ने कहा, "आज जीवाश्म ईंधन का कारोबार करने वाली हर कंपनी जीवाश्म ईंधन के व्यापार से बाहर निकलने की कोशिश कर रही है। सततता चुनौती से निपटने के लिए कॉर्पोरेट, श्रमिक संगठनों और स्थानीय अधिकारियों को शामिल करना महत्वपूर्ण है। डब्लूएसडीएस इन सबको साथ लाता है – सततता के पहलुओं पर एक-दूसरे से बात करने और समझाने के लिए।"

जॉनसन कंट्रोल्स की वाइस प्रेसिडेंट और चीफ़ सस्टेनेबिलिटी गवर्नमेंट ऐंड रेगुलेटरी अफ़ेयर्स ऑफिसर सुश्री कैथलीन मैगिन्टी ने अपने संबोधन में कहा, "बराबरी और एक-दूसरे का ध्‍यान रखना, अभी हमारे लिए सबसे अहम मुद्दा है।" सततता पर बातचीत चलाने में टेरी की विस्तृत भूमिका पर टिप्पणी करते हुए सुश्री मैगिन्टी ने कहा, "टेरी अनुसंधान से लेकर प्रौद्योगिकी और कार्रवाई तक, अनोखे ढंग से सबको साथ लाता है।"

जाने-माने फेलो और पूर्व राजनयिक श्री मनजीव सिंह पुरी ने अपने संबोधन में कहा कि, "टेरी ने भारत, विकासशील दुनिया और कुल मिला कर विश्व की महत्वपूर्ण सेवा की है।" टेरी की सीनियर फेलो डॉ शैली केडिया ने बताया कि डब्ल्यूएसडीएस 2022 में 143 देशों के 12,000 से अधिक पंजीकृत प्रतिभागी थे। टेरी की महानिदेशक डॉ. विभा धवन ने अपने संबोधन में आशा व्यक्त की कि डब्ल्यूएसडीएस 2023 को प्रत्यक्ष रूप से या कम से कम हाइब्रिड मोड में आयोजित किया जाएगा। उन्होंने कहा, "ऐक्‍टफ़ॉरअर्थ जैसी पहल सततता के मुद्दों पर साल भर हितधारकों के साथ निरंतर जुड़े रहने पर बल देती है।"

डब्ल्यूएसडीएस 2022 को पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय सहित कई भागीदारों से सहायता मिली; रॉयल नॉर्वेजियन दूतावास, नई दिल्ली; ब्लूमबर्ग फिलैन्‍थ्रपीज़; टाटा कैपिटल; रॉकफ़ेलर फ़ाउंडेशन; पर्यावरण, प्रकृति संरक्षण, परमाणु सुरक्षा और उपभोक्ता संरक्षण के लिए संघीय मंत्रालय, जर्मनी; इंटरनेशनल क्लाइमेट इनीशियेटिव; क्लाइमेट वर्क्स फ़ाउंडेशन; विश्व बैंक; यूरोपीय संघ; जीआईज़ेड; ऑक्‍टसईएसजी; ब्रिटिश उच्चायोग; क्लाइमेट ग्रुप; क्लाइमेट ट्रेंड्स; आईएफ़एटी इंडिया; काइज़न; एनआरडीसी; आउटलुक समूह; प्रोटेक्ट आर प्लैनेट; टेरी स्कूल ऑफ़ एडवांस्ड स्टडीज़; द फूड ऐंड लैंड यूज़ कोलिशन; यूनिसेफ़ और वर्ल्‍ड सस्‍टेनेबल डेवलपमेंट फ़ोरम।

टेरी का परिचय

दि एनर्जी ऐंड रिसोर्सेज़ इंस्टिट्यूट (टेरी) एक स्वतंत्र, बहुआयामी अनुसंधान संगठन है, जिसके पास नीति अनुसंधान, प्रौद्योगिकी विकास और कार्यान्वयन की क्षमताएं हैं। टेरी का मुख्यालय नई दिल्ली में है और गुरुग्राम, बेंगलुरु, गुवाहाटी, मुंबई, पणजी तथा नैनीताल में क्षेत्रीय केंद्र व परिसर हैं। टेरी के पास अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे के साथ विभिन्न क्षेत्रों के वैज्ञानिकों, समाजशास्त्रियों, अर्थशास्त्रियों, इंजीनियरों, प्रशासनिक लोगों की एक टीम मौजूद है।

अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें:
पी अणिमा – animap@teri.res.in
सुमित बंसल – sumit.bansal@teri.res.in

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