गृह (जीआरआईएचए) शिखर सम्मेलन के दसवें सत्र में भारत में टिकाऊ आवास के अवसरों पर चर्चा करेंगे हरित इमारतों के पक्षधर

November 28, 2018
The 10th GRIHA Summit

दसवां गृह शिखर सम्मेलन और इमारत ऊर्जा दक्षता में बदलाव पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन (इंटरनेशनल कांफ्रेन्स आन बिल्डिंग एनर्जी एफीशियेन्सी ट्रांसफार्मेशन) 11 से 13 दिसंबर, 2018 तक नई दिल्ली में आयोजित किया जायेगा, जिसकी सह मेजबानी न्यू साउथ वेल्स विश्वविद्यालय (यूएनएसडब्लू), ऑस्ट्रेलिया, ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई) और ड्यूश गेसेलस्काफ्ट फर इंटरनेशनल जुसुममेनारबीट (जीआईजेड) जीएमबीएच द्वारा गृह परिषद के साथ मिलकर की जायेगी।

नई दिल्ली, 28 नवंबर, 2018: आवास और शहरी मामलों के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री हरदीप सिंह पुरी और ऊर्जा और नई और अक्षय ऊर्जा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री आर के सिंह, को भारत में ऑस्ट्रेलिया की उच्चायुक्त सुश्री हरिंदर सिद्धू, न्यू साउथ वेल्स विश्वविद्यालय (यूएनएसडब्ल्यू) सिडनी, ऑस्ट्रेलिया, के अध्यक्ष और कुलपति प्रोफेसर इयान जैकब्स, ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई), के महानिदेशक श्री अभय बाकरे, गृह (जीआरआईए) परिषद के अध्यक्ष डॉ अजय माथुर और गृह (जीआरआईए) परिषद के सीईओ श्री संजय सेठ की उपस्थिति में शिखर सम्मेलन का उद्घाटन करने के लिये आमंत्रित किया गया है।

एक सफल टिकाऊ विकास एजेंडा को सरकारों, निजी क्षेत्र और समाज के बीच साझेदारी की आवश्यकता होती है। इस बात पर संज्ञान लेते हुए, इस वर्ष के शिखर सम्मेलन की विषय वस्तु (थीम) "टिकाऊ आवास के लिए भागीदारी को बढ़ावा" है। पहले भारतीय प्रित्ज़कर पुरस्कार 2018 के विजेता प्रोफेसर बी.वी. दोषी को शिखर सम्मेलन मंच पर सम्मानित किया जाएगा। यूएनएसडब्ल्यू के निर्मित पर्यावरण संकाय के डीन प्रोफेसर हेलेन लोचहेड, यूएनएसडब्ल्यू के सीआरसी लो कार्बन लिविंग के निदेशक वैज्ञानिक प्रोफेसर देव प्रसाद, एपीसीआरडीए, एपीआरओफ़ एलिस्टेयर स्प्राउल के आयुक्त और यूएनएसडब्लू के स्कूल ऑफ फोटोवोल्टिक और रिन्यूएबल एनर्जी इंजीनियरिंग, के प्रमुख डॉ श्रीधर चेरुकुरी, यूरोपीय संघ के पर्यावरण ऊर्जा और जलवायु परिवर्तन पर यूरोपीय संघ के प्रतिनिधिमंडल में काउंसलर सुश्री हेनरीट फेरेगमैन, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव सुश्री लीना नंदन, ठोस कचरा प्रबंधन पर सर्वोच्च न्यायालय की समिति की सदस्य सुश्री अल्मिता पटेल, केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) में महानिदेशक श्री प्रभाकर सिंह, जॉर्ज इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल हेल्थ, भारत के कार्यकारी निदेशक और नेफ्रोलॉजी के प्रोफेसर और जेम्स मार्टिन फेलो, ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय, के विवेकानंद झा, उन कुछ लोगों के नाम हैं जो 11 दिसंबर से 13 दिसंबर, 2018 तक के तीन दिवसीय शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले कुछ प्रतिष्ठित वक्ताओं शामिल हैं। शिखर सम्मेलन में 1000 से अधिक प्रतिनिधियों के भाग लेने की उम्मीद की है।

शिखर सम्मेलन से इतर, "आकार - टिकाऊ भविष्य के लिए स्वयं को फिर से आकार देना", विषय पर एक प्रदर्शनी आयोजित की जायेगी जो उपयोगकर्ताओं और उद्योग को एक ऐसा मंच प्रदान करेगी जहां वे विभिन्न उपकरणों और तकनीकों जैसे निर्मित पर्यावरण में विभिन्न विकल्पों के लिए सूचित निर्णय लेने में संवर्धित और आभासी वास्तविकता, के बारे में जानकारी हासिल कर सकेंगे।

इस अवसर पर, गृह परिषद के सीईओ श्री संजय सेठ ने कहा, 'हम जब यहां '10वें गृह शिखर सम्मेलन' के लिये एकत्र हुए हैं, तो यह समय है कि हम गृह और उसके अनेक भागीदारों की सफलता और उपलब्धियों को जानें। वर्ष 2018 गृह परिषद के लिए विकास, परिवर्तन और उपलब्धियों का वर्ष रहा। गृह परिषद और यूएनएसडब्ल्यू के समन्वित प्रयास से वैश्विक स्तर पर टिकाऊ विकास के एजेंडा को आगे बढ़ाने के लिए सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और पर्यावरणीय चिंताओं को शिक्षा और अनुसंधान से जोड़ने का महत्व समकालिक हुआ है।'

गृह परिषद तीन दिसंबर को एक पैनल चर्चा भी आयोजित करेगी, जिसका विषय होगा 'क्या 2030 तक समावेशी विकास हासिल करना संभव है?' चर्चा का संचालन हिन्दू के सह संपादक (विज्ञान) श्री जैकब कोशी करेंगे। इस पैनल चर्चा में भारत में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण के स्थानीय प्रमुख श्री अतुल बागाई, भारत जर्मन ऊर्जा कार्यक्रम, ड्यूश गेसेलस्काफ्ट फर इंटरनेशनल ज़ुसममेनबर्ग (जीआईजेड) जीएमबीएच के प्रमुख डॉ-विनफ्राइड डैम, ऊर्जा दक्षता सेवा लिमिटेड के प्रबंध निदेशक श्री सौरभ कुमार, अध्ययन के पूर्व डीन और शहरी नियोजन विभाग, योजना और वास्तुकला स्कूल के प्रमुख प्रोफेसर कावास कपाडिया और गृह परिषद के अध्यक्ष और द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इस्टीट्यूट (टेरी) के महानिदेशक डॉ अजय माथुर भाग लेंगे।

"टिकाऊ आवासों के लिए साझेदारी को बढ़ावा" विषय पर आयोजित 10वां गृह शिखर सम्मेलन उद्योग भागीदारों, डिजाइनरों, शिक्षाविदों, नीति निर्माताओं, बहु-पक्षीय और द्विपक्षीय भागीदारों और अन्य हितधारकों जैसे एआईएस, नालंदा विश्वविद्यालय, भारत के लिये यूरोपीय संघ का प्रतिनिधिमंडल, यूएनई, ईईएसएल, आईआरईओ, एक्सपीरियों डेवलपर्स, यूएसजी बॉरल और ऑटोडेस्क के लिये एक गतिशील मंच के रूप में कार्य करेगा। यह सार्थक साझेदारी के माध्यम से स्थायित्व को बढ़ावा देने के लिए अभिनव और स्वदेशी समाधानों से संबन्धित सामूहिक ज्ञान पर सहयोग करने, उस पर विचार करने और उसे साझा करने का अवसर प्रदान करेगा।

गृह शिखर सम्मेलन ने पहले भी टिकाऊ भवन नीतियों, औजारों और तकनीकों पर विभिन्न तकनीकी सत्रों और टिकाऊ भवन सामग्री, निर्माण पद्धति और प्रौद्योगिकियों को प्रदर्शित करने वाली प्रदर्शनियों की मेजबानी की है। गृह की पहचान मात्रात्मक और गुणात्मक मानदंडों के आधार पर किसी भवन की उसकी संपूर्ण अवधि के दौरान समग्र रूप से पर्यावरणीय प्रदर्शन का मूल्यांकन करने वाले एक प्रभावी माध्यम के रूप में बनी है। यह संसाधन की खपत, अपशिष्ट उत्पादन और इमारतों और आवासों के समग्र पारिस्थितिक / पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने के लिये प्रयासरत है।

गृह के बारे में:

ग्रीन रेटिंग फार इंटीग्रेटेड हैबीटाट एसेसमेंट(जीआरआईएचए या गृह) परिषद एक स्वतंत्र, गैर-लाभकारी समिति है जिसे संयुक्त रूप से द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट (टीईआरआई या टेरी) और नई और अक्षय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई), भारत सरकार ने भारत में हरित इमारतों को बढावा देने और प्रशासित करने के लिये संयुक्त रूप से गठित किया है। यूएनएफसीसीसी के समक्ष प्रस्तुत भारत के राष्ट्रीय निर्धारित योगदान (एनडीसी) में जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करने के लिए शमन रणनीति के हिस्से के रूप में, गृह को आवासीय क्षेत्रों के माध्यम से उत्सर्जन तीव्रता में कटौती का मूल्यांकन करने के एक उपकरण के रूप में स्वीकार किया गया है।

अधिक जानकारी के लिये कृपया संपर्क करें:
गृह परिषद: - संतोष रामकुमार: 8800697990 | santhosh.ramkumar@grihaindia.org
टेरी - पल्लवी सिंह: 01124682100 Ext 2422 | pallavi.singh@teri.res.in
एडेलमैन: - स्नेहा देव: 9958000706 | Sneha.Dev@edelman.com

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